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ଶୁଣନ୍ତୁ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ନରେନ୍ଦ୍ର ମୋଦୀଙ୍କ 'ମନ୍ କି ବାତ୍' କାର୍ଯ୍ୟକ୍ରମର 114ତମ ଅଧ୍ୟାୟ ସେପ୍ଟେମ୍ବର 29, 2024ରେ

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HarshitModi_17
HarshitModi 1 week 6 days ago

Honourable Prime Minister Narendra Modi Ji,

Namaste and heartfelt greetings.

Under your visionary leadership, India has become a beacon of global progress. As CEO of A-THON All Terrain Pvt. Ltd., I represent a team of young innovators mentored by experts and partnered with ARTPARK (IISc) Bangalore and CPCRI.

Our mission is RURAL ECONOMIC EMPOWERMENT through Agri-Tech (SMAM). Using AI, Robotics, and All-Terrain Mobility, we aim to transform Indian agriculture, reduce import dependency, and create export opportunities with our world-first Silver-lined technology. This initiative will boost farmers' yields, create jobs, and attract youth to farming.

With your blessings, we are confident that this vision can position India as a global food basket.

A comprehensive mission document is attached.

Jai Hind!

SHARIF SHAIKH_3
SHARIF SHAIKH 1 week 6 days ago

देश मे बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा मे सुधार सबसे बड़ा मुद्दा है, करों, पेट्रोलियम पदार्थों, स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा पर GST या रेडीरेकनर दरों में बढ़ोतरी यह उपाय नही। सरकार को राजस्व मिले, कोई नया कर भी ना लगे, जनता को रोज़गार भी प्राप्त हो, ऐसा मुमकिन है। सिर्फ सूचना, सुझाव लिख कर देने से काम नही होगा, लाखों सुझाव रोज़ाना इस माध्यम से आते हैं, किसी पर कार्य हुआ ऐसा नहीं लगता, हज़ारों करोड़ रुपये का राजस्व नियमित प्राप्त हो ऐसी एक योजना के दो पर्याय है, चर्चा करनी होगी, जिम्मेदार राष्ट्र हित में इस बात का महत्त्व समझ कर प्रधानमंत्री जी के संज्ञान में लाए।

NamoJantaJanardan
Namo Janta Janardan 1 week 6 days ago

नमस्कार नमो जनता जनार्दन!
(परिचय: "अज्ञात संदेशावाहक बेटी" मात्र संदेशावाहक माध्यम) सनातन एक भारत का स्वयंभू "नमो सेवा सिस्टम". कुछ ही दिनों मे “माँ” की आराधना का पर्व “नवरात्रि” आ रही हें, एक ऐसी आत्मनिर्भर व्यवस्था जहा मातृ संथापक (Mother Founder) “माँ आदी शक्ति ऊर्जा” हों! जहा संथापक (Founder) जनता जनार्दन हों! क्या कोई एसी “समावेसी व्यवस्था” की संभावना हो सकती हें? जो “शून्य” की भी हो और “पूर्ण” की भी हो,शून्य की यानि किसिकी भी नहीं और इसलिए पूर्ण की यानि सबकी व्यवस्था होने की हकदार हो जाती हें! क्या कोई “self-reliant Decentralised Contingency Pool System” की संभावना हो सकती हे?
अज्ञात समय से कोई जनता जनार्दन का "सनातन स्वयंभू आध्यात्मिक स्टार्टअप” Dao प्रारंभ की प्रकिया मे था या हैं...एक ऐसी "सनातन व्यवस्था" जिसकी मूलभुत नीति ही "सेवा" हों! "सनातन एक भारत नमो सरदार नीति" कुछ इस प्रकार की स्वचालित नीतियों पे चलने वाली संभवित सिस्टम के लिए क्या ये उचित स्थान हें?
0x2da613d1a56beda48f27ca51781f2a346abe9ee3@dmail.ai नमन

piushkumarupa.11@gmail.com
piush upadhyay 1 week 6 days ago

मान्यवर, आपके द्वारा चलाए गए स्वच्छ भारत अभियान के 10 वर्ष का समय पूरा हो चुका है लेकिन अभी तक संपूर्ण देश में यह लक्ष्य हासिल नहीं हो सका है। मान्यवर, यदि आप शहर में फैले हुए कूड़े कचरे पर नजर डालें तो आपको कूड़े कचरे के ढेर में प्लास्टिक ही प्लास्टिक दिखाई देगा । हर एक चीजों के plastic packing system के कारण प्लास्टिक का कचरा बड़े पैमाने पर उत्पन्न हो रहा है।
किन कारणों से अभी तक स्वच्छ भारत मिशन का लक्ष्य हासिल नहीं हो सका है इसका सटीक विश्लेषण, कुछ ऐसे कड़े नियम जिनका पालन इस अभियान की सफलता के लिए अनिवार्य है, किस तरह से waste management में gardening और dairy farming एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, और किस तरह आपके तीसरे कार्यकाल के पूर्ण होने के पहले हमारा देश एक स्वच्छ, सुंदर, प्रदूषण मुक्त देश बन सकता है, इसी संदर्भ में मैंने अपने 10 वर्षों के अध्ययन, अवलोकन एवं रिसर्च के आधार पर अपने विचार तथा सुझाव इस pdf में प्रस्तुत किया है ।

piushkumarupa.11@gmail.com
piush upadhyay 1 week 6 days ago

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piushkumarupa.11@gmail.com
piush upadhyay 1 week 6 days ago

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piushkumarupa.11@gmail.com
piush upadhyay 1 week 6 days ago

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piushkumarupa.11@gmail.com
piush upadhyay 1 week 6 days ago

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piushkumarupa.11@gmail.com
piush upadhyay 1 week 6 days ago

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